Surajkund Mela 2025 हर साल हरियाणा के फरीदाबाद के सूरजकुंड में आयोजित होने वाला सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला भारत के हस्तशिल्प, हथकरघा, और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। इसका 38वां संस्करण 7 फरवरी से 23 फरवरी 2025 तक आयोजित किया जाएगा। यह मेला न केवल भारत का गर्व है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटक कैलेंडर में भी इसका विशेष स्थान है।
Surajkund Mela 2025 मेले की विशेषताएं
- दुनिया का सबसे बड़ा शिल्प मेला
सूरजकुंड मेला शिल्पकारों, हथकरघा कारीगरों, और सांस्कृतिक कलाकारों को एक ऐसा मंच प्रदान करता है जहां वे अपनी कला का प्रदर्शन कर सकते हैं।- 10 लाख से अधिक पर्यटक हर साल यहां आते हैं।
- हज़ारों विदेशी पर्यटक भी इस मेले में भाग लेते हैं।
- आयोजन और सहयोग
यह मेला सूरजकुंड मेला प्राधिकरण और हरियाणा पर्यटन विभाग द्वारा केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, और विदेश मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया जाता है।
Surajkund Mela 2025 कला, संस्कृति और मनोरंजन का संगम
मेले का हर कोना संस्कृति और परंपरा की झलक देता है।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम
चौपालों और खुले थिएटरों में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कलाकार अपनी लोक प्रस्तुतियां देते हैं।- हर शाम मुख्य चौपाल पर सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
- विरासत शिल्पों का संरक्षण
लुप्त होती परंपराओं और कौशल को बढ़ावा देने के लिए मेले में एक विशेष खंड बनाया गया है।
Surajkund Mela 2025 खाने-पीने और मनोरंजन का अनोखा अनुभव
- मल्टी-कुजीन फूड कोर्ट
यहां आपको दुनिया भर के स्वादिष्ट व्यंजन मिलते हैं, जो पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। - मनोरंजन और साहसिक खेल
मेले में बच्चों और बड़ों के लिए आनंद rides और एडवेंचर गेम्स का विशेष प्रबंध किया गया है। - ढोल की थाप और रंगों का मेला
हरियाणा की मिट्टी से जुड़ी सांस्कृतिक धड़कन यहां हर ओर महसूस होती है।
Surajkund Mela 2025 क्यों जाएं सूरजकुंड मेला?
- कला और संस्कृति के दीवाने
- पारंपरिक शिल्प और हथकरघा के प्रेमी
- स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेने वाले
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