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Tata Motors Share Price: ब्रोकरेज कंपनियों ने घटाया शेयर टारगेट, निवेशकों को झटका

Tata Motors Share Price ने दिसंबर 2024 तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं, जो कि बाजार की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। इसके चलते …

Written by Manju Rani
Tata Motors Share Price

Tata Motors Share Price ने दिसंबर 2024 तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं, जो कि बाजार की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। इसके चलते कई वैश्विक ब्रोकरेज फर्मों ने कंपनी के शेयर पर अपनी रेटिंग घटा दी और टारगेट प्राइस में भी कटौती की है। इस तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 22% घटकर ₹5,451 करोड़ रह गया, जबकि ऑपरेशनल परफॉर्मेंस में भी कमजोरी देखी गई।

Tata Motors Share Price की रेटिंग क्यों घटी?

टाटा मोटर्स के कमजोर नतीजों के पीछे कई अहम वजहें हैं, जिनमें प्रमुख रूप से Jaguar Land Rover (JLR) की कमजोर बिक्री, चीन और यूरोप में मांग में गिरावट, इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और बढ़ती लागत शामिल हैं।

ब्रोकरेज फर्म Jefferies ने कंपनी के शेयर को Buy से घटाकर Underperform कर दिया है और टारगेट प्राइस ₹930 से घटाकर ₹660 कर दिया है। उनका मानना है कि JLR की बिक्री चीन और यूरोप में कमजोर हो रही है, जिससे कंपनी को नुकसान हो सकता है।

इसके अलावा, Jefferies ने यह भी बताया कि—

  • JLR को चीन और यूरोप में कमजोर मांग का सामना करना पड़ रहा है।
  • ग्राहकों को बनाए रखने की लागत (Customer Acquisition Cost) बढ़ रही है।
  • वारंटी खर्च भी बढ़ने के कारण मुनाफे पर असर पड़ रहा है।
  • टाटा मोटर्स को अपने कमर्शियल और पैसेंजर वाहनों की बिक्री में भी गिरावट झेलनी पड़ रही है।
  • इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) सेगमेंट में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, जिससे इस बिजनेस पर दबाव बना रहेगा।

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Tata Motors Share Price की मुख्य झलकियां

1. मुनाफे में बड़ी गिरावट

कंपनी का तिमाही मुनाफा 22% गिरकर ₹5,451 करोड़ हो गया, जो कि पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में काफी कमजोर है।

2. राजस्व में मामूली बढ़त

टाटा मोटर्स का कुल राजस्व 3% बढ़कर ₹1.13 लाख करोड़ पहुंचा। हालांकि, यह वृद्धि कंपनी की लागत और अन्य खर्चों की तुलना में धीमी रही।

3. EBITDA और मार्जिन में गिरावट

कंपनी का EBITDA ₹15,500 करोड़ रहा, लेकिन इसकी ग्रोथ की रफ्तार धीमी रही। ऑपरेटिंग मार्जिन भी प्रभावित हुए, जिससे भविष्य में आय बढ़ाने को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं।

4. JLR बिजनेस की कमजोरी

JLR टाटा मोटर्स का सबसे अहम बिजनेस सेगमेंट है, लेकिन इस बार इसका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। इसके पीछे प्रमुख कारण हैं—

  • चीन और यूरोप में डिमांड कमजोर रहना
  • ऑर्डर बुक में गिरावट
  • “Jaguar” मॉडल्स का उत्पादन बंद करना
  • अलग-अलग बाजारों में सुस्त डिमांड

विश्लेषकों का मानना है कि अगले कुछ तिमाहियों में JLR की बिक्री में और गिरावट हो सकती है।

Tata Motors Share Price ब्रोकरेज फर्मों की प्रतिक्रिया

1. Jefferies:

  • रेटिंग घटाकर Underperform कर दी।
  • टारगेट प्राइस ₹930 से घटाकर ₹660 कर दिया।
  • कंपनी के EV सेगमेंट पर बढ़ती प्रतिस्पर्धा और JLR की कमजोर डिमांड को लेकर चिंता जताई।

2. Nuvama Institutional Equities:

  • FY25 के लिए EBITDA अनुमान में 4% की कटौती की।
  • टारगेट प्राइस ₹720 कर दिया।
  • FY25-27 के लिए कंपनी की ग्रोथ को Muted (संतुलित) बताया।

3. Morgan Stanley:

  • कंपनी को Equal-weight रेटिंग दी।
  • टारगेट प्राइस ₹853 रखा।
  • FY25 के लिए Tata Motors की कमाई और RoCE (Return on Capital Employed) को लेकर चिंता जताई।

4. UBS:

  • टाटा मोटर्स को Sell रेटिंग दी।
  • टारगेट प्राइस ₹760 रखा।
  • कंपनी की FY26 और FY27 की फाइनेंशियल परफॉर्मेंस को अनिश्चित बताया।

Tata Motors Share Price टाटा मोटर्स के लिए आगे की राह

विश्लेषकों का मानना है कि टाटा मोटर्स के लिए आगे की राह चुनौतीपूर्ण रहने वाली है। कंपनी को JLR के ऑर्डर बुक की कमी, चीन और यूरोप में कमजोर मांग, और इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

JLR का टर्नअराउंड संभव है, लेकिन इसके लिए चीन में बिक्री में सुधार जरूरी होगा। यदि चीन में रिकवरी होती है, तो अगले वित्त वर्ष में 10% EBIT मार्जिन हासिल किया जा सकता है।

इसके अलावा, टाटा मोटर्स को भारत में अपने कमर्शियल व्हीकल (CV) और पैसेंजर व्हीकल (PV) सेगमेंट में सुधार करने की जरूरत होगी।

निष्कर्ष

Tata Motors Share Price के Q3 नतीजे कमजोर रहे, जिसके चलते ब्रोकरेज फर्मों ने कंपनी के शेयर पर निगेटिव आउटलुक दिया है।

  • कंपनी का मुनाफा 22% घटकर ₹5,451 करोड़ रह गया।
  • JLR की बिक्री कमजोर रही, जिससे टाटा मोटर्स पर दबाव बना रहेगा।
  • ब्रोकरेज फर्मों ने टारगेट प्राइस में कटौती की है।
  • कंपनी को चीन और यूरोप में सुधार की जरूरत होगी ताकि JLR की ग्रोथ को वापस पटरी पर लाया जा सके।

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