World’s Youngest Chess Champion D Gukesh विश्व शतरंज चैंपियनशिप में डी. गुकेश ने एक ऐतिहासिक जीत हासिल की है, जिसके बाद वह World’s youngest chess champion D. Gukesh के रूप में पहचाने गए। 18 वर्षीय गुकेश ने डिंग लिरेन को हराकर शतरंज का सबसे प्रतिष्ठित खिताब जीता और भारत का नाम रोशन किया। इस अद्वितीय सफलता के बाद, उन्हें 11.45 करोड़ रुपये का पुरस्कार मिला, लेकिन इस पर भारी टैक्स का बोझ उन पर डाला गया है।
World’s Youngest Chess Champion D Gukesh सांसद आर. सुधा ने टैक्स माफी की मांग की
तमिलनाडु से कांग्रेस की सांसद आर. सुधा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से World’s youngest chess champion D. Gukesh के पुरस्कार पर टैक्स माफी देने की अपील की है। सुधा का कहना है कि 11.45 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि पर गुकेश को लगभग 4.8 करोड़ रुपये का टैक्स देना पड़ेगा, जो बहुत ज्यादा है। सुधा ने इस मुद्दे को उठाते हुए यह भी बताया कि इस तरह की छूट क्रिकेट के महान खिलाड़ियों सचिन तेंदुलकर और रवि शास्त्री को भी दी गई थी, जब कांग्रेस की सरकार थी।
World’s Youngest Chess Champion D Gukesh गुकेश की ऐतिहासिक जीत
गुकेश की यह जीत एक ऐतिहासिक पल है, क्योंकि वह World’s youngest chess champion D. Gukesh बनने वाले पहले भारतीय शतरंज खिलाड़ी हैं। उन्होंने डिंग लिरेन को 7.5-6.5 से हराया और यह साबित कर दिया कि वह इस खेल के सच्चे चैंपियन हैं। इससे पहले, केवल विश्वनाथन आनंद ही इस खिताब को जीत पाए थे, लेकिन अब गुकेश ने उन्हें भी पीछे छोड़ दिया है। उनकी जीत ने पूरे देश को गर्व महसूस कराया है और शतरंज के खेल में भारत को एक नई पहचान दिलाई है।
World’s Youngest Chess Champion D Gukesh गुकेश को मिले सम्मान और पुरस्कार
गुकेश की जीत के बाद, उन्हें चेन्नई में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन द्वारा 5 करोड़ रुपये का चेक सौंपा गया। इस समारोह में उधयनिधि स्टालिन और शतरंज के महान खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद भी मौजूद थे। इस सम्मान ने गुकेश की सफलता को और भी महत्वपूर्ण बना दिया। गुकेश ने अपनी सफलता को लेकर कहा कि “धन के लिए शतरंज नहीं खेलता हूं, बल्कि यह मेरे लिए एक सपना था जो अब सच हो गया है।” उन्होंने यह भी बताया कि उनके परिवार ने काफी संघर्ष किया है, लेकिन अब वे आर्थिक रूप से बेहतर स्थिति में हैं।
World’s Youngest Chess Champion D Gukesh गुकेश का संदेश: युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा
World’s youngest chess champion D. Gukesh की जीत ने केवल भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया है। गुकेश का यह कहना है कि वह शतरंज इसलिए खेलते हैं क्योंकि उन्हें यह खेल पसंद है और वह इसे एक मजेदार चुनौती के रूप में देखते हैं, न कि सिर्फ पैसे के लिए। यह उनकी मेहनत और समर्पण का परिणाम है, जो उन्हें सफलता दिलाई। गुकेश का संदेश यह है कि अगर आप किसी भी कार्य को पूरी ईमानदारी से करते हैं, तो सफलता निश्चित रूप से मिलेगी। उनका यह बयान न केवल शतरंज खिलाड़ियों के लिए, बल्कि सभी युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है।
World’s Youngest Chess Champion D Gukesh क्या टैक्स माफी देना सही होगा?
गुकेश को मिले पुरस्कार पर टैक्स माफी की मांग ने एक बड़ा सवाल खड़ा किया है। क्या सरकार इस दिशा में कदम उठाएगी? क्या यह सही नहीं होगा कि शतरंज जैसे मानसिक खेल को बढ़ावा देने के लिए इस पर टैक्स माफी दी जाए? यह कदम न केवल गुकेश के लिए बल्कि पूरे देश के युवा खिलाड़ियों के लिए मददगार साबित हो सकता है। इससे उन्हें मानसिक दबाव कम होगा और वे अपने खेल पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।
निष्कर्ष
World’s Youngest Chess Champion D Gukesh की जीत ने भारत को गर्व महसूस कराया है। उनकी सफलता से यह स्पष्ट है कि अगर कोई खिलाड़ी अपने सपनों के लिए पूरी मेहनत करता है, तो वह किसी भी मुश्किल को पार कर सकता है। अब यह सरकार पर निर्भर है कि वह इस युवा खिलाड़ी के लिए टैक्स माफी देती है या नहीं। अगर सरकार इस दिशा में कदम उठाती है, तो यह न केवल गुकेश के लिए, बल्कि भारत के हर युवा खिलाड़ी के लिए एक बड़े मौके की तरह होगा।
गुकेश की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर आप किसी काम को सच्चे दिल से और ईमानदारी से करते हैं, तो सफलता निश्चित ही मिलती है। World’s Youngest Chess Champion D Gukesh का यह सफर आने वाले हर युवा खिलाड़ी के लिए एक उदाहरण है कि मेहनत से कोई भी सफलता हासिल की जा सकती है।
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