Hisar Ambulance Response Time News। मरीजों और घायलों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने के लिए सरकारी एंबुलेंस सेवा चलाई जाती है, लेकिन अब यह सेवा पहले की तुलना में धीमी हो गई है। डायल 112 से जुड़ने के बाद हिसार जिले की सरकारी एंबुलेंस का रिस्पांस टाइम बढ़ गया है। पहले जहां एंबुलेंस सूचना मिलने के 12 मिनट के भीतर मरीज तक पहुंच जाती थी, अब इसमें 18 मिनट तक लग रहे हैं। इस देरी की वजह से कई मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा, खासकर सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों के लिए यह देरी घातक साबित हो सकती है।
क्या होता है रिस्पांस टाइम और क्यों है यह महत्वपूर्ण?
Hisar Ambulance Response Time News वह समय होता है जो किसी इमरजेंसी की सूचना मिलने के बाद एंबुलेंस के मरीज तक पहुंचने में लगता है। इस समय को कम से कम रखने की कोशिश की जाती है ताकि मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाया जा सके।
- पहले 108 नंबर पर सूचना देने के बाद, 12 मिनट में एंबुलेंस मरीज तक पहुंचती थी।
- अब डायल 112 से जुड़ने के बाद यह समय बढ़कर 18 मिनट हो गया है।
- यह देरी मरीजों की जान के लिए खतरनाक साबित हो सकती है, खासकर सड़क दुर्घटनाओं और हार्ट अटैक जैसी आपातकालीन स्थितियों में।
रिस्पांस टाइम बढ़ने के मुख्य कारण
1. डायल 112 का कंट्रोल सेंटर पंचकूला में होना
Hisar Ambulance Response Time News पहले जब 108 नंबर पर कॉल की जाती थी, तो यह कॉल हिसार जिले के अपने ही कंट्रोल सेंटर में जाती थी। वहां बैठे कर्मचारी को जिले की भौगोलिक स्थिति की पूरी जानकारी होती थी। जैसे ही सूचना मिलती, वह सबसे नजदीकी एंबुलेंस को भेज देते थे, जिससे मरीज तक पहुंचने में कम समय लगता था।
Hisar Ambulance Response Time News अब डायल 112 का मुख्यालय पंचकूला में है। वहां से पूरे हरियाणा की एंबुलेंस का संचालन किया जा रहा है। चूंकि पंचकूला के कर्मचारियों को हिसार जिले की सही जानकारी नहीं होती, इसलिए कई बार दूर खड़ी एंबुलेंस को मरीज तक भेज दिया जाता है, जिससे समय बढ़ जाता है।
2. नेटवर्क और सिस्टम की समस्या
हर सरकारी एंबुलेंस में मोबाइल डाटा टर्मिनल (MDT) लगाया गया है, जो कंट्रोल रूम से जुड़ा होता है। जब कोई इमरजेंसी कॉल आती है, तो कंट्रोल रूम से एमडीटी पर सूचना भेजी जाती है।
लेकिन कई बार नेटवर्क की समस्या के कारण यह सूचना देर से मिलती है, जिससे एंबुलेंस को देरी से रवाना किया जाता है।
3. गलत सूचनाएं मिलने की समस्या
डायल 112 से जुड़ने के बाद गलत सूचनाओं की संख्या भी बढ़ गई है। उदाहरण के लिए—
- हांसी के नागरिक अस्पताल की एंबुलेंस को कई बार गंगवा गांव से मरीज लाने की सूचना दी जाती है, जबकि यह क्षेत्र उसकी सीमा से बाहर है।
- हांसी की एंबुलेंस जब मरीज को हिसार के अस्पताल छोड़ने जाती है, तो उसे हिसार के आसपास के अन्य क्षेत्रों में मरीज लेने की सूचना दी जाती है, जबकि वह क्षेत्र उसकी जिम्मेदारी में नहीं आता।
इस तरह, जब एक एंबुलेंस को गलत सूचना मिलती है और उसे कैंसिल करना पड़ता है, तो सही एंबुलेंस को भेजने में देर हो जाती है, जिससे रिस्पांस टाइम बढ़ जाता है।
4. डायल 112 कंट्रोल रूम पर स्टाफ की कमी
Hisar Ambulance Response Time News फिलहाल डायल 112 के मुख्यालय पर एंबुलेंस सूचनाओं के लिए सिर्फ दो लाइनें उपलब्ध हैं। वहां 96 कर्मचारियों की नियुक्ति होनी है। जब तक यह नियुक्तियां नहीं होतीं, सूचनाओं को सही ढंग से और तेजी से पास करना संभव नहीं होगा।
जिले में कितनी एंबुलेंस और उनकी स्थिति
हिसार जिले में कुल 30 सरकारी एंबुलेंस हैं और हांसी में 2 एंबुलेंस कार्यरत हैं। लेकिन डायल 112 के सिस्टम में दिक्कतों के कारण इनका प्रभावी संचालन नहीं हो पा रहा।
स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. तरुण ने बताया कि—
- डायल 112 का सिस्टम नया है, इसलिए इसमें अभी कुछ तकनीकी समस्याएं हैं।
- कुछ जिलों में भी इसी तरह की समस्या देखी जा रही है।
- डायल 112 के मुख्यालय पंचकूला में 96 नई भर्तियां होनी हैं, जिसके बाद स्थिति में सुधार होगा।
स्थानीय कंट्रोल सेंटर की मांग
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ. वीरेंद्र यादव ने हाल ही में हांसी के नागरिक अस्पताल का दौरा किया था। इस दौरान डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. तरुण ने मांग की कि डायल 112 का कंट्रोल सेंटर हिसार में बनाया जाए। इससे स्थानीय कर्मचारियों को हिसार जिले की सटीक जानकारी होगी और वे एंबुलेंस को सही दिशा में भेज पाएंगे।
हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने इस मांग को अभी स्वीकार नहीं किया है।
डायल 112 से जुड़ने के बाद की स्थिति
कारण | पहले (108 सेवा में) | अब (डायल 112 में) |
रिस्पांस टाइम | 12 मिनट | 18 मिनट |
कंट्रोल सेंटर | हिसार जिले में | पंचकूला में |
सूचना देने की प्रक्रिया | सीधा स्थानीय एंबुलेंस को | पंचकूला से दूर की एंबुलेंस को |
नेटवर्क दिक्कतें | नहीं थीं | एमडीटी के कारण सूचनाएं देरी से मिलती हैं |
गलत सूचनाओं की समस्या | नहीं थी | कई बार गलत एंबुलेंस को भेजा जाता है |
समाधान के लिए क्या किया जा सकता है?
- हिसार में डायल 112 का स्थानीय कंट्रोल सेंटर बनाया जाए, जिससे सूचना देने में देरी न हो।
- नेटवर्क और एमडीटी सिस्टम को बेहतर किया जाए, ताकि सूचनाएं समय पर मिलें।
- अतिरिक्त स्टाफ की नियुक्ति जल्द से जल्द की जाए, जिससे पंचकूला में तेजी से निर्णय लिए जा सकें।
एंबुलेंस का सही लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया जाए, ताकि सही एंबुलेंस को सही समय पर भेजा जा सके।
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