कनीना। नौ महीने पहले कनीना के जीएल स्कूल की बस हादसे में गंभीर रूप से घायल हुई छात्रा सपना जिंदगी की जंग हार गई। गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान वीरवार देर शाम सपना की मौत हो गई। हादसे के वक्त वह बीए प्रथम वर्ष की छात्रा थी और कॉलेज की टॉपर भी रही थी।
शराबी बस चालक ने ली मासूमों की जान
पिछले साल 11 अप्रैल को कनीना क्षेत्र के गांव उन्हाणी के पास एक बड़ा सड़क हादसा हुआ था। जीएल स्कूल की बस का ड्राइवर शराब के नशे में था और उसने लापरवाही से बस चला दी, जिससे बस पलट गई। इस दर्दनाक हादसे में छह बच्चों की मौत हो गई थी और कई गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सपना भी इसी हादसे में बुरी तरह जख्मी हो गई थी।
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रीढ़ की हड्डी में आई थी गंभीर चोट
हादसे में सपना को रीढ़ की हड्डी में मल्टीपल फ्रैक्चर और कई अन्य गंभीर चोटें आई थीं। पिछले नौ महीने से वह बिस्तर पर ही थी। सपना का इलाज गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में चल रहा था, लेकिन उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और आखिरकार उसने दम तोड़ दिया।
परिजनों को नहीं मिली कोई आर्थिक मदद
हादसे के बाद अस्पताल प्रशासन ने सपना के इलाज के लिए परिजनों से पांच लाख रुपये की मांग की थी। उस समय तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल प्रशासन को चेतावनी दी थी और सरकार ने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था, लेकिन सपना के परिवार को कोई आर्थिक सहायता नहीं दी गई। दूसरी ओर, हादसे में जान गंवाने वाले छह छात्रों के परिजनों को सरकार द्वारा पांच-पांच लाख रुपये की सहायता दी गई थी।
गांव वालों ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई
सपना का अंतिम संस्कार गांव खरकड़ा बास के श्मशान घाट में किया गया। पूरा गांव उसकी मौत से दुखी है और लोगों ने नम आंखों से अपनी होनहार बेटी को अंतिम विदाई दी। ग्रामीणों ने सरकार से बस हादसे के दोषियों को कड़ी सजा देने और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की।
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