Bladder Leakage महिलाओं में ब्लैडर लीकेज की समस्या एक आम समस्या बन चुकी है, जो खासकर उम्र बढ़ने, प्रेग्नेंसी, और कुछ शारीरिक कारणों से होती है। यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब ब्लैडर पर नियंत्रण कमजोर हो जाता है। इस लेख में हम जानेंगे कि ब्लैडर लीकेज क्या है, इसके कारण, और इससे बचने के उपाय।
Bladder Leakage क्या है?
डॉ. सुप्रिया पुराणिक, जो एक टेस्टट्यूब बेबी कंसल्टेंट और गायनोकॉलोजिस्ट हैं, के अनुसार, ब्लैडर लीकेज तब होता है जब मूत्राशय और मूत्र मार्ग का एंगल खराब हो जाता है। इससे दबाव पड़ने पर पेशाब का लीकेज हो जाता है। यदि महिलाओं को कब्ज़ या अधिक वजन होता है, तो यह समस्या और बढ़ सकती है। खांसते, छींकते या भारी सामान उठाते समय यूरिन का डिस्चार्ज होना इसके प्रमुख लक्षण हैं।
Bladder Leakage के प्रमुख कारण
- पेल्विक फ्लोर की कमजोरी: पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां ब्लैडर और मूत्रमार्ग को सहारा देती हैं। जब ये मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, तो ब्लैडर लीकेज की समस्या हो सकती है।
- हॉर्मोनल परिवर्तन और प्रेग्नेंसी: प्रेग्नेंसी के दौरान और हॉर्मोनल बदलाव के कारण महिलाओं को यह समस्या हो सकती है।
- मोटापा और कब्ज: अधिक वजन और कब्ज की समस्या भी यूरिन लिकेज का कारण बन सकती है।
- बार-बार यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI): बार-बार यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से भी ब्लैडर पर दबाव बढ़ सकता है।
- दवाइयों और अन्य कारण: शराब और कैफीन का अत्यधिक सेवन, डायबिटीज और कुछ सर्जरी के बाद भी यह समस्या हो सकती है।
Bladder Leakage को कैसे करें कंट्रोल?
1. कीगल एक्सरसाइज (Kegel Exercises): पेल्विक मसल्स को मजबूत करने के लिए कीगल एक्सरसाइज मददगार साबित हो सकती है। इस एक्सरसाइज में आपको पेशाब करते समय उसे रोकने और फिर डिस्चार्ज करने का अभ्यास करना होता है। इससे पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और यूरिन लिकेज को नियंत्रित किया जा सकता है।
2. दवाइयों का सेवन: कुछ नॉन सर्जिकल दवाइयों के माध्यम से भी लीकेज को कंट्रोल किया जा सकता है। विशेषकर, एस्ट्रोजन थेरेपी मेनोपॉज के दौरान लीकेज को कम करने में मदद कर सकती है।
3. वजन को नियंत्रित करें: ज्यादा वजन आपके ब्लैडर पर दबाव डालता है, जिससे लीकेज की समस्या हो सकती है। वजन कम करने के लिए योग और नियमित एक्सरसाइज करना महत्वपूर्ण है।
4. डाइट में बदलाव: कैफीन, शराब और मसालेदार खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें। इससे ब्लैडर पर होने वाले दबाव को कम किया जा सकता है।
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